नेटिव रूल मूवमेंट : सारांश : नातिविज़्म यह हमारा गुरु है , नेटिव हिंदुत्व यह हमारा मार्गदर्शन इस विचार को लेकर नेटिविस्ट दौलतराव डोमाजी राउत ने अपना काम सं १९७० से पौनी के बौद्धिक मंडल से शुरू किया। इस विचार को उसी समय सभी उपस्थित लोगो ने ख़ारिज किया केवल एक मित्र ये कहते रह गए सुन लो सुन ने में क्या हर्ज है। नया विचार है। नेटिविज़्म की व्याख्या हमने उस समय भी यही की थी जो आज कर रहे है , नेटिविज़्म यह वो सम्पूर्ण नया राजकीय दर्शन है , विचार है जो नेटिव नेशन की निर्मिति के लिए काम करता है और विश्व में जहा भी नेटिविज़्म का आंदोलन चल रहा है उसका समर्थन करता है। नेटिविज़्म वसाहतवाद , ब्रह्मिणवाद और अमर्याद पूंजीवाद का पुरजोर विरोध करता है। नेटिव हिंदुत्व को हम ने हमारे हिंदुस्तान के लिए और जहा जहा ब्राह्मण , ब्रह्मिणवाद , ब्राह्मण धर्म जो की वास्तव में अधर्म है की समाप्ति के लिए नेटिव हिंदुत्व का विचार हम हमारा मार्गदर्शन मानते है जिस में यह साफ साफ कहा गया है की हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है। ब्राह्मण धर्म का ग्रंथ वेद और कानून मनुस्मृति है जो वर्ण, जाती ...